हौजा न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इमामिया मेडिक्स इंटरनेशनल की यह मुफ्त सेवा सूरह मेदा की 22वीं आयत पर आधारित है, ''और जिसने किसी व्यक्ति की जान बचाई, उसने मानो पूरी दुनिया की जान बचाई'' कोई भी आरोप। रंग, आकार, राष्ट्रीयता या धर्म पिछले ग्यारह वर्षों से जारी है।
हजरत फातिमा जहरा (स) के मुबारक जन्म के अवसर पर मुहल्ला चंदवारा रूम, मुजफ्फरपुर, बिहार में नेत्र जांच, ऑपरेशन, मोतियाबिंद एवं दंत जांच शिविर का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर डॉ. सैयद वसी जाफरी ने कहा कि इमामिया मेडिक्स इंटरनेशनल ने ज्ञान और साहित्य के शहर मुजफ्फरपुर को चुना, कुरान के टिप्पणीकार हाफिज मौलाना फरमान अली, मौलाना मुफ्ती सैयद मुहम्मद अब्बास साहब ताब ज़ार, जो समान रूप से लोकप्रिय थे जिन्नों और इंसानों के बीच उन्होंने समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अहल अल-बैत (एएस) के प्रसिद्ध कवि अल्लामा जमील मजहरी को इस अच्छे काम के माध्यम से श्रद्धांजलि दी जानी चाहिए।
डॉ. वसी जाफरी ने बताया कि आई कैंप के आयोजन में विशेषज्ञ एवं अनुभवी चिकित्सकों की सेवाएं उपलब्ध करायी गयीं। ठंड के मौसम के बावजूद सभी देशों, राष्ट्रों, समुदायों और संप्रदायों से बड़ी संख्या में पुरुष, महिलाएं, बच्चे और बूढ़े आए और आनंद लिया।
मेडिक्स इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ. जाफरी ने कहा कि इस दौरान सैकड़ों शहरों और कस्बों में चिकित्सा शिविरों के माध्यम से 50,000 से अधिक मरीजों को मुफ्त इलाज, जांच, ऑपरेशन और दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। अल्लाह की कृपा से अब हमारे पास अपनी एम्बुलेंस और स्थायी नर्सिंग होम है जहाँ रोगियों का प्रतिदिन निदान किया जाता है और मुफ्त दवाएँ प्रदान की जाती हैं।
डॉ. जाफरी का कहना है कि ईश्वर की कृपा से इमामिया मेडिक्स इंटरनेशनल, अलीगढ़ गरीबों और जरूरतमंद लोगों की सेवा कर रहा है। मरीजों की सच्ची प्रार्थना है कि प्रभु उनकी सफलता बढ़ाएँ और इस अच्छे काम के लिए उन्हें पुरस्कृत करें!